क्या सोशल मीडिया पर सबसे अधिक झूठ भारत से फैलाया जा रहा है?

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद फेसबुक ने उनकी मदद की ताकि सोशल मीडिया पर सबसे अधिक फॉलोअर्स वाले नेता वे बन सकें। ‘वर्ल्ड लीडर्स ऑन फेसबुक’ अध्ययन में मई, 2018 में यह बात सामने आई कि फेसबुक पर नरेंद्र मोदी के 4.32 करोड़ फॉलोअर हैं। 

उनके बाद दूसरे स्थान पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप थे। लेकिन उनके फॉलोअर की संख्या मोदी के मुकाबले तकरीबन आधी यानी 2.31 करोड़ थी।

2014 में लोकसभा चुनावों की घोषणा के दिन से लेकर आखिरी चुनाव होने तक भारत में कुल 2.9 करोड़ लोगों ने 22.7 करोड़ पोस्ट, कमेंट, शेयर और लाइक किए जो चुनावों से संबंधित थे। यह आंकड़ा भारत में फेसबुक के कुल सक्रिय उपभोक्ताओं का तकरीबन दो तिहाई है। हर व्यक्ति औसतन दस संवाद हर दिन कर रहा था। इनमें से भी 1.3 करोड़ लोगों ने 7.5 करोड़ मोदी से संबंधित संवाद किए।

चीन ने फेसबुक को अपने यहां कारोबार की अनुमति नहीं दी है। इसके बाद से लगातार भारत फेसबुक के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है। फेसबुक इस्तेमाल करने वाले सबसे अधिक लोगों के मामले में भी भारत चोटी के देशों में है। 

फेसबुक ने इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के जरिए मिलकर ऐसा डिजिटल एकाधिकार स्थापित किया है जिसकी तुलना किसी और एकाधिकारी व्यवस्था से नहीं की जा सकती। भारत की आबादी 1.3 अरब है। देश की कुल आबादी की औसत उम्र 27 साल है। देश की कुल आबादी में से आधे से अधिक लोग 26 साल से कम उम्र के हैं। व्हाट्सएप इस्तेमाल करने वाले सबसे अधिक लोग भारत में हैं। इनकी संख्या तकरीबन 20 करोड़ है। 

2014 में भारत में फेसबुक इस्तेमाल करने वालों की संख्या दस करोड़ हो गई थी। बाद के साल में यह बढ़कर 13.6 करोड़ हो गई। अप्रैल, 2018 तक फेसबुक और व्हाट्सएप इस्तेमाल करने वालों की संख्या भारत में 20 करोड़ के पार चली गई और सितंबर, 2018 तक बढ़कर 22 करोड़ हो गई। 

कुछ लोग इस आंकड़े को कम बताते हैं। कुछ लोगों का अंदाज है कि भारत में फेसबुक और व्हाट्सएप इस्तेमाल करने वालों की संख्या 27 करोड़ के पार है। 2022 तक भारत में फेसबुक इस्तेमाल करने वालों की संख्या 30 करोड़ से अधिक होने की उम्मीद है। भारत में अभी इंस्टाग्राम इस्तेमाल करने वालों की संख्या 6.4 करोड़ है। इंस्टाग्राम इस्तेमाल करने वालों में भारत से आगे सिर्फ तीन देश हैं।

हाल के सालों में गलत सूचनाओं की खान के तौर पर भारत वैश्विक स्तर पर उभरा है। पिछले दो साल में अमेरिका और मैक्सिको समेत जिन देशों में चुनाव हुए हैं, उन देशों में भारत की ऑनलाइन कंटेट मार्केटिंग कंपनियों की मौजूदगी दर्ज की गई है। ये कंपनियां सत्ता प्रतिष्ठान के करीब हैं। ऐसे में यह उम्मीद करना स्वाभाविक है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में सोशल मीडिया का काफी अधिक इस्तेमाल होने वाला है।

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How legal harassment by corporates is shackling reportage and undermining democracy in India