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सवाल दर सवाल: किसान परिवार के अंग्रेज़ी प्रोफ़ेसर साईबाबा की 'न्यायिक मौत'

गोकरकोंडा नागा साईबाबा (जी.एन. साईबाबा) का जन्म 1967 में आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के अमलापुरम के एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। उनके जन्म की सही तारीख ज्ञात नहीं है, क्योंकि उनके माता-पिता ने इसे दर्ज नहीं कराया था। 12 अक्टूबर, 2024 को हैदराबाद में 57 वर्ष की आयु में उनके पित्ताशय से पथरी निकालने के लिए सर्जरी की गयी। सर्जरी के बाद की जटिलताओं के कारण साईबाबा की मृत्यु हो गई। पोलियो से पीड़ित होने के बाद, उन्होंने पाँच साल की उम्र से व्हीलचेयर का इस्तेमाल किया। एक प्रतिभाशाली छात्र

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सरकार की नई पीपीएफ़ नीति एनआरआई और छोटे निवेशकों पर असर डालेगी

पिछले एक दशक से नरेंद्र मोदी सरकार बार-बार हिंदू राष्ट्रवाद पर आधारित एक प्रकार की प्रवासी कूटनीति पर ज़ोर देती रही है जिसने स्पष्ट रूप से उनके अनिवासी भारतीय (एनआरआई) समर्थकों को आकर्षित किया है। दिलचस्प बात यह है कि उनकी सरकार ने अब एनआरआई को दीर्घकालिक लघु बचत और निवेश सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) योजना का लाभ उठाने से रोक दिया है। जनवरी 1979 से भारत के सभी प्रधान डाकघरों में शुरू की गई पीपीएफ योजना न केवल सावधि जमा (फिक्स्ड डिपोजिट) की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक ब्याज दर के कारण लोकप्रिय है

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सेबी अध्यक्ष को क्यों इस्तीफ़ा दे देना चाहिए

देश के वित्तीय बाज़ारों के नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी के इतिहास में कभी भी इसके अध्यक्ष की विश्वसनीयता पर इतने सवाल नहीं उठाए गए जितना कि मौजूदा अध्यक्ष पर उठाया जा रहा है। हालांकि माधबी पुरी बुच पहली ऐसी महिला हैं जो सिविल सेवक नहीं हैं और निजी क्षेत्र से सेबी की अध्यक्षता करने वाली पहली व्यक्ति हैं जिन्होंने 10 अगस्त को जारी यूएस-आधारित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की दूसरी रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का तुरंत जवाब दिया था लेकिन उसके बाद वे खामोश हैं। जबकि सेबी के सैकड़ों

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बजट 2024-25: मोदी 3.0 ने अब रोज़गार सृजन और आर्थिक सुधारों को प्राथमिकता क्यों दी?

लोकसभा चुनाव के नतीजों से परेशान नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले आम बजट में यह माना है कि देश के सामने सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दा रोज़गार का है। भले ही सरकार ने संदिग्ध आंकड़ों का हवाला देकर यह दावा किया हो कि रोज़गार सृजन में सरकार का रिकॉर्ड इतना भी बुरा नहीं रहा है लेकिन आरोप गाए जा रहे हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप कार्यक्रम, रोज़गार से जुड़े प्रोत्साहन कार्यक्रम, निवेश को बढ़ावा देने के लिए "एंजल टैक्स" को ख़त्म करने और महात्मा गांधी

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Election 2024: बीजेपी इस बार 303 सीटें नहीं जीतेगी, 400 पार असंभव है

लोकसभा चुनाव के परिणाम 4 जून को आयेंगे जो मुख्य रूप से चार बड़े राज्यों- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार पर निर्भर करेंगे। आइए इस लेख के जरिये बात करते हैं बड़े राज्यों की। पहला बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है जिसमें 80 लोकसभा सीटें हैं। उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है। देश का 6 में से एक व्यक्ति उत्तर प्रदेश से है‌। चीन, भारत, इंडोनेशिया, ब्राजील और अमेरिका जैसे देशों के बाद जनसंख्या की दृष्टि से भारत के ही उत्तर प्रदेश का नाम आता है। जनसंख्या के हिसाब से

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हिंडनबर्ग—2: अब भारत के सुप्रीम कोर्ट पर फ़ैसले की ज़िम्मेदारी

जिस दिन संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (ओसीसीआरपी) ने एक सप्ताह से भी कम समय पहले गौतम अडानी और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को एक प्रश्नावली भेजी थी, उसी दिन अभिजात वर्ग को होने वाले संभावित नुकसान को रोकने के लिए देश की सबसे प्रसिद्ध समाचार एजेंसी, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई), ने जल्दबाजी में योजना बनाई और इसे हिंडनबर्ग-2 रिपोर्ट करार दिया, जो कि अमेरिका की शॉर्ट-सेलिंग फर्म है और जिसने इसे 24 जनवरी में, 32,000 शब्दों की रिपोर्ट का ही दूसरा स्वरूप बताया है। इस

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कर्नाटक परिणाम : बीजेपी के अहंकार-मूर्खता को देखते हुए कांग्रेस को बहुत उत्साहित नहीं होना चाहिए

नई दिल्ली में सत्तारूढ़ शासन के प्रतिनिधियों ने पिछले कुछ महीनों में अहंकार से अंधे होकर एक के बाद एक कई बड़ी गलतियां की हैं। यहां पर इन गलतियों की एक छोटी सूची है जैसे कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाना और फिर उस संस्थान में इनकम टैक्स अधिकारियों को भेजना; गौतम अडानी के कॉर्पोरेट समूह के कामकाज के बारे में उठाए गए आरोपों पर चुप्पी बनाए रखना; लोकसभा के रिकॉर्ड में राहुल गांधी के भाषण को सेंसर करना; दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को जेल में डालना; आम चुनाव से पहले फरवरी 2019 में हुए पुलवामा

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चुनाव से पहले एक लोकलुभावन बजट

2023-24 का बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अपने अपेक्षाकृत छोटे भाषण के पहले ही पैराग्राफ ने यह स्पष्ट कर दिया कि अगले आम चुनाव से पहले यह उनका आखिरी पूर्ण बजट था। उन्होंने एक "समृद्ध और समावेशी भारत" की कल्पना करने की बात की, जिसमें विकास का फल सभी क्षेत्रों और नागरिकों तक पहुंचे," विशेष रूप से युवा, महिलाओं, किसानों, अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) से संबंधित लोगों तक। यह प्रयास साफतौर पर सरकार के विरोधियों की आलोचना का मुकाबला

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कैसे मेटा के शीर्ष पदाधिकारी के संबंध मोदी और बीजेपी के लिए काम करने वाली फर्म से हैं?

मार्च 2020 से भारत में व्हाट्सएप्प इंक (इसका स्वामित्व फेसबुक के हाथों में है जिसे अब मेटा के नाम से जाना जाता है) में पब्लिक पॉलिसी, डायरेक्टर के तौर पर काम करने वाले शिवनाथ ठुकराल के पास कभी ओपालिना टेक्नोलॉजीज में हिस्सेदारी हुआ करती थी. ओालिना टेक्नोलॉजीज वही कंपनी है जो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री कार्यालय, भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार के कपड़ा मंत्रालय को सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन्स उपलब्ध करा चुकी है. भारत में मेटा के प्रमुख पैरोकारों में से एक ठुकराल ने 24 अक्टूबर, 2017

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विश्लेषण: विपक्षी दलों के वोटों में बिखराव से उत्तर प्रदेश में जीती भाजपा

उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में कुल 403 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों को कुल 273 सीटें हासिल हुई। इनमें से 255 सीटें अकेले भाजपा को मिलीं। समाजवादी पार्टी को सिर्फ 111 सीटें मिलीं। अगर सपा के सहयोगियों की सीटों की संख्या भी इसमें जोड़ दें तो कुल संख्या 125 पर पहुंचती है। हालांकि, सपा गठबंधन के सीटों की संख्या भाजपा गठबंधन के सीटों की संख्या से काफी कम है लेकिन इस चुनाव परिणाम का विस्तृत विश्लेषण करने पर पता चलता है कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा गठबंधन की हार और

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