कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व न करने का राहुल गाँधी के फैसले को उनका संघर्ष और ज़िम्मेदारी से भागने के रूप में देखा जा रहा हैI न्यूज़क्लिक के साथ खास बातचीत में राजनीतिक विशेषज्ञ और सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ़ डेवलपिंग सोसाइटीज़ में प्रोफेसर अभय दुबे के मुताबिक उनकी पार्टी का भविष्य बेहतर होता अगर वे राममनोहर लोहिया या जयप्रकाश नारायण के कद के नेता होते, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ राजनीतिक ताकतों को इकठ्ठा करने में सक्रीय भूमिका निभाई हैI