In 2014, when the number of Members of Parliament belonging to the Left shrunk to ten from 24 in 2009, some of us (including this writer) believed the Parliamentary Communists and their allies could not become weaker still. We were wrong. Congress has not gained significantly. But the presence of the Left has further diminished with only six seats in the current Lok Sabha. Why did this happen? And what is the way forward for those who still believe there are alternatives to right-wing populism...
In the run-up to the 2019 general elections, a committee set up by the Election Commission of India (ECI) had examined the critical gaps in the regulation of political campaigning. The panel looked at the provisions in Section 126 of the Representation of the People (RP) Act, 1951 – which defines a “silence period” starting 48 hours prior to the conclusion of polling in any particular area, during which all political campaigning is supposed to cease. The committee was supposed to identify...
সে ঘরে বিদ্যুৎ-সংযোগও নেই। অরুণবাবুর যুক্তি, যতদিন না প্রতিটি মজুরের মাথায় ছাদ হচ্ছে, ঘরে বিদ্যুৎ সংযোগ পৌঁছচ্ছে, ততদিন এই সুবিধে তাঁরও প্রাপ্য নয়। লিখছেন পরঞ্জয় গুহঠাকুরতা কমরেড অরুণকুমার রায় চলে গেলেন গত রবিবার। হাজার হাজার মানুষের উপস্থিতিতে সোমবার ধানবাদে তাঁর শেষকৃত্য সম্পন্ন হল। একে রায় নামে তিনি লোকপ্রিয় ছিলেন। গত রবিবার ঝাড়খণ্ডে তাঁর মৃত্যুতে শ্রমিকের অধিকার নিয়ে লড়াইয়ের এক দীর্ঘ অধ্যায় থেেম গেল। সেই অধ্যায়কে ফিরে দেখতেই কলম ধরা। ১৯৩৫ সালে একে রায়ের জন্ম অবিভক্ত বাংলাদেশের রাজশাহী...
2014-ലെ പൊതുതിരഞ്ഞെടുപ്പിൽ ലോക്സഭയിലെ ഇടതുപക്ഷ അംഗങ്ങളുടെ എണ്ണം പത്തായി കുറഞ്ഞപ്പോൾ ഈ ലേഖകനടക്കമുള്ള കുറേപ്പേരെങ്കിലും വിചാരിച്ചത് ഇനിയങ്ങോട്ടത് ശുഷ്കമാവില്ല എന്നാണ്. പക്ഷേ, ഞങ്ങൾക്കു തെറ്റിപ്പോയി. നടപ്പു ലോക്സഭയിലെ ഇടതുസാന്നിധ്യം ആറ് അംഗങ്ങളിലൊതുങ്ങിയിരിക്കുന്നു. എങ്ങനെയാണ് ഇതു സംഭവിച്ചത്? ലോകത്തിന്റെ പല ഭാഗങ്ങളെയും ഗ്രസിച്ചിരിക്കുന്ന വലതുപക്ഷ, ജനപ്രിയ രാഷ്ട്രീയത്തിനും ഇന്ത്യയിൽ കഴിഞ്ഞ അഞ്ചുവർഷമായി ശക്തിപ്രാപിക്കുന്ന ഭൂരിപക്ഷമതാധിഷ്ഠിത ദേശീയവാദത്തിനും ബദലുകളുണ്ടെന്നു വിശ്വസിക്കുന്നവർക്ക്...
अरुण कुमार रॉय नहीं रहे। एके रॉय के नाम से वे खासे लोकप्रिय थे। मजदूरों के नेता के तौर पर उनकी पहचान रही है। वामपंथी धारा के जो ट्रेड यूनियन नेता हुए हैं, उनमें एके रॉय की हस्ती काफी बड़ी थी। पूरी जिंदगी मजदूरों के हकों और हितों के लड़ने वाले एके रॉय ने बीते रविवार को झारखंड के धनबाद में आखिरी सांसें लीं। 1935 में पैदा हुए एके रॉय का जीवन 84 साल का रहा। उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की शिक्षा हासिल करने के बाद उच्च शिक्षा जर्मनी से हासिल की। पढ़ाई करके लौटने के बाद उन्होंने
Strange indeed are the ways of the some of India’s electricity regulatory authorities. An interim order issued by the Appellate Tribunal for Electricity (APTEL) in September 2018 had directed the public sector electricity distribution companies (discoms) in three cities in Rajasthan—Ajmer, Jodhpur and Jaipur—to pay ₹3,591 crore to Adani Power Rajasthan Limited (APRL) that owns and operates a 1,320-megawatt capacity thermal power plant in the state in Kawai town of Baran district. On an appeal by...
बेरोज़गारी सबसे बड़ी चुनौती सबसे पहली चुनौती बेरोज़गारी की है. युवाओं के लिए जिस रफ़्तार से रोज़गार बढ़ने चाहिए वो नहीं बढ़ रहे हैं. 2013-14 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि युवाओं के लिए हर साल 1-2 करोड़ नई नौकरियां लाएंगे, लेकिन हमारे पास कोई ऐसे सबूत नहीं हैं कि इस रफ़्तार से नई नौकरियां आ रही हैं. एक समय जिन क्षेत्रों में नई नौकरियां आ रही थीं वहां भी इनका आना कम हो गया. एक है आईटी सेक्टर, दूसरा टेलीकॉम सेक्टर. सरकार ने आंकड़ा भी वापस ले लिया, वो भी काफी विवादित है. नेशनल सैंपल
ഇലക്ട്രോണിക് വോട്ടിങ് യന്ത്രങ്ങളിൽ കൃത്രിമം കാണിക്കാനാകില്ലെന്ന് അനുമാനിക്കുക. ഓരോ ഇലക്ട്രോണിക് വോട്ടിങ് യന്ത്രത്തിലെയും വോട്ട് സംഖ്യ വിവി പാറ്റ് (വോട്ടർ വെരിഫൈഡ് പേപ്പർ ഓഡിറ്റ് ട്രയൽ) യന്ത്രത്തിലേതിന് തുല്യമാണെന്ന് അനുമാനിക്കുക. ലോകത്തിലെ ഏറ്റവും ജനബാഹുല്യമുള്ള രാജ്യമാകാൻ പോകുന്നയിടത്തെ തിരഞ്ഞെടുപ്പ് സംവിധാനങ്ങളും പ്രക്രിയയും വിവേചനരഹിതവും സുതാര്യവുമാണെന്നും; ലോകത്തിലെ ഏറ്റവും വലിയ ജനാധിപത്യ ശക്തിയിലെ ഏറ്റവും സങ്കീർണമായ പ്രക്രിയയിൽ ഉൾപ്പെട്ടിരിക്കുന്ന ഉദ്യോഗസ്ഥർ ഭരണകക്ഷിക്കനുകൂലമായി തങ്ങളുടെ...
Let us assume electronic voting machines (EVMs) cannot be manipulated. Let us assume the number in each and every EVM perfectly matches the number in the corresponding VVPAT (voter verified paper audit trail) machine. Let us assume the election administration in the soon-to-become most-populous country on the planet is impartial and transparent, that all personnel involved in the biggest exercise of its kind in the world’s largest democracy do not influence voters to exercise their franchise in...
New Delhi, India - On April 6, speaking at the University of Delhi, India's Finance Minister Arun Jaitley waxed eloquent about how the world's most-populous democracy would become the third largest economy on the planet by 2030 after the United States and China. By then, the size of India's economy would have more than trebled to $10 trillion from around $2.9 trillion at present, he said. What was noteworthy was that Jaitley's speech hardly dwelt on the performance of the government headed by...
फेसबुक कोई साधारण कारोबारी कंपनी नहीं है। हाल ही में न्यू यॉर्क टाइम्स ने फेसबुक के बारे में जानकारी दी, ‘एक दशक से थोड़े ही अधिक वक्त में फेसबुक ने 2.2 अरब लोगों को जोड़ने का काम किया है। यह अपने आप में एक वैश्विक राष्ट्र बन गया है। पूरी दुनिया में चुनावी अभियानों, विज्ञापन अभियानों और रोजमर्रा के जीवन को इसने बदलने का काम किया है। इस प्रक्रिया में फेसबुक ने निजी डाटा का सबसे बड़ा जखीरा तैयार कर लिया है। फोटो, संदेशों और लाइक्स का जो अकूत भंडार इसने बनाया है उससे यह दुनिया की शीर्ष कंपनियों की
तथ्यों की जांच का काम करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के संपादक प्रतीक सिन्हा कहते हैं, ‘नरेंद्र मोदी का चुनाव अभियान सकारात्मक ढंग से विकास के गुजरात मॉडल पर शुरू हुआ लेकिन बाद में कांग्रेस की आलोचनाओं में सिमट गया। मई, 2014 में केंद्र की सत्ता में आने के बाद भाजपा समर्थक जानबूझकर फर्जी खबरें प्रकाशित करने लगे। इन लोगों ने सरकार और पार्टी की आलोचना करने वालों को ट्रोल करना शुरू कर दिया। 2016 तक यह नियंत्रण से बाहर चला गया और एक समस्या बन गया।’ वे कहते हैं कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने में भाजपा
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे नितिन गडकरी के करीबी विनीत गोयनका उस वक्त पार्टी की सोशल मीडिया रणनीति बना रहे थे। भाजपा ने किस तरह से मोदी की छवि मजबूत करने के लिए फेसबुक और व्हाट्सएप का इस्तेमाल किया, इस बारे में उन्होंने बातचीत की। गोयनका अभी गडकरी के नेतृत्व वाले सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में आईटी कार्यबल के प्रमुख हैं। वे पीयूष गोयल के रेल मंत्रालय के तहत आने वाले सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम के गवर्निग काउंसिल के भी सदस्य हैं। हमने गोयनका से सीधा सवाल पूछा कि फेसबुक और भाजपा
हमें हर स्रोत से यही जानकारी मिली की राजेश जैन मुंबई के लोअर परेल के अपने कार्यालय से स्वतंत्र तौर पर काम कर रहे थे और उन्होंने नरेंद्र मोदी के अभियानों में अपने पैसे लगाए थे। जून, 2011 में उन्होंने एक लेख लिखकर बताया था कि वे भाजपा के लिए ‘प्रोजेक्ट 275 फॉर 2014’ चला रहे हैं। भाजपा को 2014 के लोकसभा चुनावों में 282 सीटें मिलीं। यही राजेश जैन नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज को लेकर अब उतने उत्साहित नहीं दिखते हैं। आजकल वे ‘धन वापसी’ के नाम से एक अभियान चला रहे हैं। इसके तहत सरकारी एजेंसियों, रक्षा
A report in the Caravan published last Friday written by Nileena M S and Aathira Konikkara that created a political storm pertains to diaries allegedly maintained by Bookanakere Siddalingappa Yeddyurappa, leader of the Opposition in the Karnataka legislative assembly and former Chief Minister of the state belonging to the Bharatiya Janata Party. The diaries reportedly indicate pay-offs made by the controversial politician to several members of the BJP’s top brass – besides ₹1,000 crore to the...
2014 के लोकसभा चुनावों के पहले मुंबई के उद्यमी राजेश जैन ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए मतदाताओं का एक डाटाबेस तैयार किया। इसके जरिए लक्षित वर्ग को फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए संदेश भेजा गया। मतदाता सूची, मतदान केंद्रों और निर्वाचन आयोग जैसे स्रोतों की मदद से यह डाटाबेस तैयार हुआ था। इसके जरिए राजेश जैन और उनकी टीम ने भारतीय जनता पार्टी को मजबूत और कमजोर सीटों और यहां तक की मतदान केंद्रों की पहचान करने में मदद की। इस डाटाबेस की खास बात यह थी इसमें जाति, भौगोलिक आधार और यहां
जनवरी, 2009 में भाजपा को एसएमएस भेजने के लिए किसी कंपनी की तलाश थी। इस प्रक्रिया में मौजूदा रेल मंत्री पीयूष गोयल के संपर्क में उस वक्त नेटकोर के राजेश जैन आए। राजेश जैन की कंपनी को यह काम मिल गया। राजेश जैन का परिवार पीढ़ियों से भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करता आया है। यह ठेका मिलने के कुछ समय बाद राजेश जैन ने पूर्व बैंकर अमित मालवीय, वकील हितेश जैन और अन्य लोगों के साथ मिलकर एक टीम बनाई। अमित मालवीय अभी भाजपा आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख हैं। राजेश जैन ने जनवरी, 2009 में बनी इस टीम को नाम दिया
वैश्विक स्तर पर पिछले दो साल फेसबुक के लिए मुश्किल रहे हैं। पूरी दुनिया में फेसबुक की निगरानी बढ़ी है। कई देशों में फेसबुक को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। तकनीक उद्योग के जरिए जो गड़बड़ियां की जा रही हैं, फेसबुक को उसका सबसे बड़ा उदाहरण माना जा रहा है। फेसबुक और इसके दूसरे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर यह आरोप लग रहा है कि इनके जरिये लोगों की राय बदलने की कोशिश की जा रही है और चुनावों के नतीजे बदलने का प्रयास भी हो रहा है। साथ ही इन पर यह आरोप भी लग रहा है कि ये हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं और
भारत में फेसबुक द्वारा कार्यालय खोले जाने के दो साल बाद यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है जिसके जरिये अधिकांश लोग ऑनलाइन राजनीतिक संवाद करने लगे। खास तौर पर युवा वर्ग। इस वजह से फेसबुक इस्तेमाल करने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हुई। 2011 में 1.5 करोड़ लोग फेसबुक इस्तेमाल करते थे। उसके अगले साल फेसबुक इस्तेमाल करने वालों की संख्या 2.8 करोड़ हो गई। इनमें से अधिकांश लोग 17 से 35 साल आयु वर्ग वाले थे। अक्टूबर, 2014 में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग हरियाणा को चंद्रौली गांव में हेलीकॉप्टर से
आईआरआईएस नॉलेज फाउंडेशन और इंटरनेट ऐंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने अप्रैल, 2013 में एक अध्ययन किया था। इसमें यह दावा किया गया था कि देश के कुल 543 लोकसभा सीटों में से 160 ‘उच्च प्रभाव’ वाली लोकसभा सीटें फेसबुक से प्रभावित हो सकती हैं। उस वक्त कई लोगों ने इस दावे को खारिज किया था। लेकिन इस बात में किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि पिछले साढ़े पांच साल में सोशल मीडिया और खास तौर पर व्हाट्सएप के इस्तेमाल में काफी बढ़ोतरी हुई है। अब विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को यह लगता है कि सोशल मीडिया का न
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद फेसबुक ने उनकी मदद की ताकि सोशल मीडिया पर सबसे अधिक फॉलोअर्स वाले नेता वे बन सकें। ‘वर्ल्ड लीडर्स ऑन फेसबुक’ अध्ययन में मई, 2018 में यह बात सामने आई कि फेसबुक पर नरेंद्र मोदी के 4.32 करोड़ फॉलोअर हैं। उनके बाद दूसरे स्थान पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप थे। लेकिन उनके फॉलोअर की संख्या मोदी के मुकाबले तकरीबन आधी यानी 2.31 करोड़ थी। 2014 में लोकसभा चुनावों की घोषणा के दिन से लेकर आखिरी चुनाव होने तक भारत में कुल 2.9 करोड़ लोगों ने 22.7 करोड़ पोस्ट, कमेंट
सिंतबर, 2017 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने फेसबुक पर यह आरोप लगाया कि वह उनके खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रस्त है। दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने इसका जवाब दिया। जुकरबर्ग ने प्रतिक्रिया में कहा, ‘मैं राष्ट्रपति ट्रंप के ट्विट का जवाब देना चाहता हूं जिसमें उन्होंने दावा किया है कि फेसबुक ने हमेशा उनके खिलाफ काम किया है। हर दिन मैं काम करता हूं लोगों को आपस में जोड़ने के लिए और हर किसी के लिए एक समाज बनाने के लिए। हम हर तरह के
A public procurement exercise initiated in September 2017 by the National Payments Corporation of India (NPCI) asked bidders to present ‘proximity payment solutions’ for the United Payments Interface (UPI), an inter-bank mobile payments platform it set up a year earlier. Sixteen months have passed since then. Yet the name of the bidder chosen remains either undecided or has been decided but not yet been disclosed. What has consequently surfaced are several questions relating to the terms and...
मिशी चौधरी सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर की कानूनी निदेशक हैं। नई दिल्ली और न्यूयॉर्क में रहने वाली मिशी चौधरी डिजिटल अधिकारों के लिए काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनके जैसे स्वतंत्र पर्यवेक्षकों को यह लगता है कि फेसबुक अपने प्लेटफॉर्म को लोगों के इस्तेमाल के लिए सुरक्षित बनाने की दिशा में काफी कुछ कर सकता है। वे कहती हैं कि फेसबुक को पहला काम तो यही करना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति को बगैर उसकी अनुमति के किसी भी फेसबुक समूह का सदस्य नहीं बनाया जा सके। अभी बगैर पहले से अनुमति लिए किसी को किसी
व्हाट्सऐप क्या लोगों की सुरक्षा के बारे में चिंता करता है? यह सवाल जब व्हाट्सऐप से हमने पूछा तो उनके एक प्रवक्ता ने हमें तुरंत जवाब भेजा और कहा कि यह प्लेटफॉर्म जनता की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। उन्होंने यह भी कहा कि व्हाट्सऐप भारत के शोध करने वालों के साथ मिलकर फर्जी खबरों का प्रसार रोकने और जन सुरक्षा अभियान चलाने की दिशा में काम कर रहा है। इसके कुछ समय बाद व्हाट्सऐप ने संदेशों के साथ ‘फॉरवर्ड’ टैग देना शुरू किया। इसका मतलब यह होता है कि संदेश भेजने वाले ने खुद यह संदेश नहीं बनाया बल्कि उसे भी
वर्ष 2018 में फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग को पांच देशों की सरकारों ने व्यक्तिगत तौर पर एक अंतरराष्ट्रीय समिति के सामने पेश होकर फर्जी खबरें और गलत सूचनाओं के प्रसार के बारे में अपनी बात रखने को कहा। ये पांच देश थे- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, आयरलैंड और ब्रिटेन। वहीं यूरोप के कई देशों में, अमेरिका में और सिंगापुर में फेसबुक के अधिकारियों की वहां के कानून बनाने वालों ने तीखी आलोचनाएं की हैं। इन्हें यह निर्देश दिया गया कि ये ज्यादा जिम्मेदारी के साथ काम करें। इन्हें यह भी
एनडीटीवी इंडिया भारत का एक प्रमुख हिंदी समाचार चैनल है। इस चैनल पर जाने-माने पत्रकार रवीश कुमार का कार्यक्रम ‘प्राइम टाइम’ काफी लोकप्रिय है। इस चैनल के एक सूत्र में अपनी पहचान नहीं जाहिर करने की शर्त पर एक बड़ी अजीब सी बात बताई। इन्होंने बताया कि हम लोगों को एक बात बड़ी अजीब सी लगने लगी कि हमारे बेहद लोकप्रिय कार्यक्रम ‘प्राइम टाइम’ को लेकर फेसबुक पर होने वाली हलचल तब बहुत धीमी हो जाती थी जब कार्यक्रम के किसी संस्करण में सरकार की आलोचना करने वाली खबरें चलाई जाती थीं। कार्यक्रम में एक दिन पेट्रोल
भारत में कई पत्रकार और मीडिया संस्थान फेसबुक पर यह आरोप लगाते हैं कि उनकी खबरों को जानबूझकर इस प्लेटफॉर्म पर रोका जाता है। कई पत्रकारों का यह भी कहना है कि कुछ मौकों पर उन्हें अपने फेसबुक अकाउंट में लॉग इन ही नहीं करने दिया जाता। जिन पत्रकारों के साथ फेसबुक ने ऐसा किया, उन सबमें एक बात समान है। ये सभी लोग सत्ताधारी पार्टी और मोदी सरकार के विरोध में लिख रहे थे। इनमें ‘जनता का रिपोर्टर’ के रिफत जावेद, ‘जनज्वार’ की प्रेमा नेगी और अजय प्रकाश, ‘कारवां डेली’ के कई पत्रकार और ‘बोलता हिंदुस्तान’ के
On February 4, 2019, Facebook will complete 15 years of existence. The first version of the website was called FaceMash and was set up in November 2003 as an application that let students at Harvard University in the US rate one another based on their “attractiveness”. Two weeks later, the academic community at Harvard was disgusted by what the then 19-year-old Mark Zuckerberg had done. He was hauled before the university’s administrative board for using images and information from directories...
ये आरोप अक्सर लगते हैं कि नरेंद्र मोदी के समर्थक ऑनलाइन माध्यमों के जरिये गलत सूचनाएं फैलाते हैं। उन पर यह भी आरोप है कि कई बार वे यह काम कंटेंट मार्केटिंग कंपनियों के साथ मिलकर करते हैं। दूसरी तरफ कुछ मीडिया संस्थानों और पत्रकारों की यह शिकायत है कि अगर वे सत्ताधारी पार्टी या केंद्र की मौजूदा सरकार की आलोचना करने वाली खबरें करते हैं तो उन्हें फेसबुक जानबूझकर दरकिनार करता है। इनका कहना है कि कई बार तो फेसबुक सेंसर यानी काट-छांट का काम भी करता है। इसे कुछ उदाहरणों के जरिए समझा जा सकता है। दिल्ली
22 सितंबर, 2018 को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजस्थान के कोटा में अपनी पार्टी के सोशल मीडिया वॉलिंटियर्स से संवाद कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान कहा, ‘हम जनता तक हर संदेश पहुंचा पाने में सक्षम हैं। चाहे वह अच्छा हो या बुरा। चाहे वह सच्चा हो या फर्जी।’ अमित शाह के इस बयान के मायनों को समझना के लिए यह याद करना होगा कि सबसे पहले उन्होंने ऐसी बातें 2017 के फरवरी-मार्च में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के पहले कही थीं। उन्होंने कहा था कि भाजपा के समर्थकों ने बहुत बड़े व्हाट्सऐप समूह
If ever there was a prominent Indian politician who epitomised the phrase “bundle of contradictions,” it was none other than George Fernandes, former Union Defence Minister and nine-time member of the Lok Sabha, who passed away on the morning of January 29 at the age of 88, after having been bedridden for a few years with Alzheimer’s disease. The son of a poor Christian from the South Kanara district in the Mangalore region of Karnataka, Fernandes gave up life in a seminary for a chequered...
It was a gold import-export scheme that began when the Congress-led United Progressive Alliance (UPA) government was in power and continued six months into the tenure of the Narendra Modi regime. That the scheme was a scam has been widely acknowledged by, among others, the Comptroller and Auditor General of India, the constitutional authority responsible for overseeing the country’s public finances. Representatives of the Bharatiya Janata Party (BJP) and the Indian National Congress have...
On 14 December, a three-judge bench of the Supreme Court headed by the Chief Justice of India dismissed all petitions calling for a court-monitored investigation into alleged procedural violations committed by Prime Minister Narendra Modi that led to a rise in the price of Rafale fighter jets purchased for the Indian Air Force. Even as government spokespersons and a large section of the media celebrated the apex court’s order for giving a “clean chit” to Modi, the order appears to be deeply...
For those who are opposed to the Narendra Modi government but do not belong to the Indian National Congress, the outcome of the elections to the Assemblies of Rajasthan, Madhya Pradesh and Chhattisgarh could not have been better. The Bharatiya Janata Party (BJP), the Prime Minister and the BJP President Amit Shah have been shown their place. For them, the road to the 17th Lok Sabha elections scheduled to take place in April-May 2019 has become perilous. At the same time, Tuesday’s results...
We have argued in this series of five articles that Facebook has not been a politically agnostic platform in India and elsewhere. In this country, it has helped the ruling regime. Given its past record, it is not surprising that serious doubts are being raised about how neutral Facebook will be in the months leading up to the April-May 2019 general elections. In the first article, we examined allegations relating to the complicity of Facebook and WhatsApp in spreading disinformation and hate...
Is Facebook truly a politically agnostic platform? Far from it. Serious doubts have been expressed about how neutral Facebook was in the past and how neutral it will be in the run-up to the April-May 2019 general elections. In the first article in this series of reports, we examined allegations relating to the complicity of Facebook and WhatsApp in disseminating disinformation, hate speech and incendiary information. In the second, we reported how Facebook arrived at the dominant position it is...
Is Facebook truly a neutral and an agnostic platform for all to use? Far from it. After interviewing nearly 50 people over the last five months, we have put together evidence (some of it circumstantial) to indicate that senior employees of Facebook in India have worked, and continue to work, very closely with the country’s ruling regime. Given past experience, the question is how neutral Facebook will be in the run-up to the April-May 2019 general elections. In the first article in this series...
Is Facebook truly an agnostic platform for all to use? After interviewing nearly 50 people over the last five months, we collated evidence (some of it circumstantial) to indicate that senior employees of Facebook India have worked, and continue to work, very closely with the country’s ruling Right-wing, Hindu nationalist Bharatiya Janata Party. Its close links with the BJP existed well before Narendra Modi became Prime Minister in May 2014 and got strengthened thereafter. Given past experience...
Facebook, the biggest online social media group in the world, is under unprecedented attack following the publication on 14 November of a 5,000-word investigation by the New York Times alleging a host of questionable practices by the digital conglomerate, that includes WhatsApp and Instagram. The company’s share prices have come down and particular investors have called for the resignation of Mark Zuckerberg, the 34-year-old founder and chief executive officer of Facebook and his 49-year-old...
In an unprecedented move that took place before and after midnight on 23-24 October, the Narendra Modi government suspended – in bureaucratic parlance, “sent on leave” – Alok Verma, Director of the Central Bureau of Investigation, supposedly India’s premier police investigating agency. A day earlier, the second-in-command in the agency, Special Director Rakesh Asthana, met a similar fate by being stripped of all his powers and responsibilities, and getting placed on “compulsory wait.” The...
There is an ancient parable from the Indian subcontinent about a group of blind men who touch different parts of an elephant, the side of its body, its trunk, its tail, its ears and its tusks, to arrive at a variety of conclusions about what they have touched. The moral of the parable is that many of us human beings tend to claim superior knowledge on what are supposed to be “absolute” truths based on our partial, incomplete and subjective experiences. Take the case of India’s electricity sector...
A draft report prepared by a high-powered committee appointed by the government of Gujarat has come up with a plan to rescue stranded power projects in the state run by the Adani, Essar and Tata groups. While there have been news reports indicating what the report may recommend, Newsclick has obtained a draft copy of the entire report, which we are placing in the public domain. The three-member committee comprising former Supreme Court judge Justice R K Agrawal, former Deputy Governor of the...
A year after Gauri Lankesh was shot outside her home in Bengaluru, there is every reason to believe that the environment for free expression of views has deteriorated in India. Pressures on civil society and the media to conform to the ruling regime have intensified. Self-censorship is on the rise. Many mainstream media organisations prefer to play safe and have become overly cautious when it comes to criticising those in power, as well as advertisers. Over 43 years after the imposition of the...
Atal Bihari Vajpayee, the first individual who became Prime Minister of India without ever having been a member of the Indian National Congress, was one of the founding members of the Bharatiya Jana Sangh (the predecessor party of the Bharatiya Janata Party) when it was formed in 1951. He became a protégé of the first President of the Jana Sangh Shyama Prasad Mookerjee after he had been inducted into the Rashtriya Swayamsevak Sangh by Balasaheb Deoras as a student in the 1930s. The second...
Even as Reliance Jio threatens to devour its competitors, including the leading telecommunications brand, Airtel – which has alleged that the petroleum and petrochemicals-funded, Mukesh Ambani-owned, Reliance Industries Limited has indulged in predatory practices – Sunil Bharti Mittal, chairman of Bharti Telecom Limited (or BTL, Airtel’s holding company) has been accused of “oppressing” minority shareholders in a “squeeze-out” manoeuvre. While a BTL spokesperson told NewsClick that the company...
On 31 May, a customs tribunal in Mumbai rejected an investigation conducted by the Directorate of Revenue Intelligence (DRI) – the investigative wing of the Central Board of Excise and Customs (renamed as the Central Board of Indirect Taxes and Customs) in the Department of Revenue in the government of India’s Union Finance Ministry – into one of a number of instances of alleged over-invoicing of coal imported from Indonesia for use in power plants. The case before a Mumbai bench of the Customs...
The American author Mark Twain had described the last decades of the 19th century as the Gilded Age, a period when on the surface everything appeared to be glittering like gold concealing the filth and ugliness that lay beneath. This was an era that witnessed brazen corruption in public life, a phase when economic growth was fuelled by the corrupt nexus between big business and politics. Among the “robber baron” capitalists who epitomised this phase in the United States were a clutch of...
On 30 July, the Ministry of Finance notified a two-year safeguard duty regime on imports of solar cells and modules. The decision ratified a 16 July recommendation by the Directorate General of Trade Remedies (DGTR) in the Ministry of Commerce and Industry that is ostensibly meant to protect Indian manufacturers of equipment to generate solar energy from incurring losses on account of “dumping” of cheap imports. However, the decision will benefit only a small section of the domestic industry...
The government of India’s Ministry of Commerce and Industry on 16 July proposed that a 25% safeguard duty be imposed on imported solar cells and panels. This proposal is based on a complaint lodged by a group of Indian solar energy equipment manufacturers led by the Adani group’s Mundra Solar PV which owns the largest facility of its kind in the country. The manufacturers have argued that their businesses were facing “heavy losses” due to a surge in cheap imports of solar equipment from China...